Sunday 15 January 2017

काश ज़िंदगी इनसे जुड़ जाए

एक सवाल दिल आज बोल पड़े, 
ज़िंदगी यह तू क्या जाने भला ??
पहचान लिए तू जिस दुनिया से जुड़ा
तेरी दुनिया क्या वो था भला????

बोल ना पाए, आँख भर आए
सुकून नज़राना नज़ारे दे जाए
मा और मिटी, एक ही गोद
एहसास यह लिखे, बोल ये जाए
दो फसल धरती के
क्यूँ ना संग गाए , जी जाए....

रचना: प्रशांत     

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