बस ज़िंदगी कुछ ऐसी हो जाए..... भलाई हो किसीकि,
मौत काम कर जाए किसिके काम आए,
जिंदगी बीत जाए बस,
ज़िंदगी कुछ ऐसी हो जाए.....
बस ज़िंदगी कुछ ऐसी हो जाए.....
रोक ना पाए यह समय बीत जाए
ना साधु ना ख़ुदग़र्ज़ कहलाए बस ज़िंदगी कुछ ऐसी हो जाए.....
रचना : प्रशांत
मौत काम कर जाए किसिके काम आए,
जिंदगी बीत जाए बस,
ज़िंदगी कुछ ऐसी हो जाए.....
बस ज़िंदगी कुछ ऐसी हो जाए.....
रोक ना पाए यह समय बीत जाए
ना साधु ना ख़ुदग़र्ज़ कहलाए बस ज़िंदगी कुछ ऐसी हो जाए.....
रचना : प्रशांत
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