Monday 16 February 2015

अगर शराब शराबी बन जाए...

अगर शराब शराबी बन जाए,
कितनी आफ़त को वो दावत दे आए,
होश संभाले तो संभाले कैसे ,
खुमारी खुद उसकी मियादी बन जाये I  

ना प्याले पे वो उतर सके,
ना मधुशाला की पंक्ति बने,
ना दीवानो का होशों की बारात बन सके,
ना होठ ना नज़र को चैन मिल सके,
अगर शराब खुद शराबी बन जाये I

रचना: प्रशांत 

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