यह एक संयुक्त ब्लॉग है I
इसके दोनों कवि मीरा पाणिग्रही और प्रशांत पांडा रक्त सम्बन्ध से माता और पुत्र हैं I
मीरा पाणिग्रही अंग्रेजी विषय से अवकाश प्राप्त व्याख्याता हैं जबकि उनके पुत्र प्रशांत पांडा अर्थशाश्त्र के व्याख्याता हैं I
और दोनों लेखनी की रूचि साझा करते हैं I
Monday, 6 February 2017
जी ले !
बारूद की आँसू रोनेवाले मिलते कहाँ ..
कालीजे को पत्थर मे तोलने वाला मिलते कहाँ
सिकदर भी सलाम ठोकने आए..
यह दरबार मिलते कहाँ..
पसंद की ज़िंदगी कितने जीते है यहाँ
चुने अपनी मौत, कितने
तारीख भी मुक्दर करते यहाँ...
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