आज मर जाने दे साकी,
एक ख्वाब जीने दे बाकी,
आज पी लेने दे बाकी,
बह जाने दे सागर,
बस डूब ने दे मुझे,
संभाल ने दे मुझे I
आज मर जाने दे साकी,
एक ख्वाब जीने दे बाकी I
जो ना था कभी, था कभी,
महसूस होने दे, जीने दे,
एहसास दे, एहसान करने दे,
ख्वाब दे , ख्वाबोंको मिलने दे I
आज मर जाने दे साकी,
एक ख्वाब जीने दे बाकी I
पैमाने रंग भरे संग मेरे,
नज़ारा बार बार झलके,
सपनो से परे तक़दीर,
लकीरोंसे दिखे बेह्के I
आज मर जाने दे साकी,
एक ख्वाब जीने दे बाकी I
जीने दे इन प्याले मे डूबके,
तसबीर दिखे, अलग भी दिखे,
अश्क छलकाए, पैमाने भर जाए,
नूर ना आए, लिहाज़ हो जाए I
आज मर जाने दे साकी
एक ख्वाब जीने दे बाकी I
रचना : प्रशांत
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