यह कल किधर मिलेगा भाई,
क्या छोटू कुछ तो बोल,
इधर सब लोचा है,
बोले तो बीड़ू आज एक,
फिनान्सियाल प्लानर मिला,
अपनका तो वॉट लगेला I
बोला तेरा सेविंग्स गुल हे रे,
पक्का लाइफ होएंगा गॉन केस
बोलारे मेरेको,
कुछ ऐसा-हिच बोलारे,
टारगेट बढ़ाना माँगता है,
सेविंग बढ़ना माँगता है,
फोन उठा और सुपारी ले,
और सर्किट जमकर कमाले I
यह आज अपना कंट्रोल मे है,
जब लफ्डा होएंगा कल,
तेरा फुल डार्लिंग जाएगा गुल I
भाग जाएगी रे पैसा , लिसा, निसा,
होगा बिना पेनसन का टेनसनरे ...,
कोई मामू नही,
महनगाई मIरेगी अपन को रे I
प्लानर क्या कुछ डाला रे,
दिमाग़ का चट्नी बना डाला,
फुल सिनीमाि दिखा डाला,
पैसे फुल और माल होगा गुल,
ऐसा होता क्या रे सर्किट ????
होएंगा ओं जाएगा गोली ,
बोले तो पिस्टल फुल और टारगेट गुल,
तेरा आज फुल और तेरा कल गुल,
उमर गुल तेरा उमर होगा गुल I
एधर अपॉन को फुल टेनसन रे,
ए छोटू फुल कटिंग ला रे I
पैसे होगा फुल और माल होगा गुल,
ट्रिग्गर होएंगा, जाएगा गोली गुम,
बोले तो पिस्टल फुल और टारगेट गुल,
आज यह तेरा फुल, और कल यह तेरा गुल
उमर गुल तेरा उमर होगा गुल I
कैसा प्रेज़ेंट ऑन, तो फ्यूचर गॉन रे,
भगबान का बाप , इन्षुरेन्स क्या रे,
यह फिक्स्ड सेविंग्स बढ़ता कैसा रे,
शाला सेनसेक्स चड़ता कैसे रे I
सोना बॅंक मे रखने का
और काग़ज़ लेनेका
ज़मीन क़ब्ज़ा नही, खरीद नेका रे
टॅक्स मे सरकार को वसूली देनेका ,
क्या क्या बोला रे, समझ नही आतेरे
एक तो भेजा फ्राइ
बोले तो फुल ऑफ कर दिया रे I
यह प्लानर तो अपुनका, पूरा गेम बजा डाला
शाला कालका बोला, और आज का धो डाला..
आज तो खलास होएंगा
टेनसन कैकू लेनेका
यह कल किधर मिलता रे
आज ही गेम बजा डालेंगे रे
डीशक़ुईईएं डिस्क़्क़ुई3उन...
रचना : प्रशांत
No comments:
Post a Comment