एक कतरा मे खुदा दिखे,
एक कतरा से खुदा बने,
मुहब्बत वो बाँटता जाए,
प्यासा, तरसा खुद रह जाए I
सवाल उनसे खुदा करे,
आ किस्मत बदल प्यारे,
सब पे मरे , सब से हारे,
ईन्तेकाम हम मुक़दार करे I
तारीख तू माँग भाई शराबी,
खुदा बरकत करना चाहे,
आपनी मौत तू जिले,मांगले,
मेरे जन्नत यू क़बूल करले I
यह कहने भगबान,
मैकदे आए , देखे, घबराए,
शराबी जन्नत साथ ले आए ,
प्याले की कमी से ,
कितने मौत वो माँगे,
प्याला भरा छूट जाए,
कितने मौत वो गले लगाए,
मंदिर माने वोही दफ़न होना चाहे I
रचना : प्रशांत
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