काले नज़र, छुभा मीठी जहर,
काले रातें, मुझे भाए सहर,
काले नक़ाब, रात बे-हिसाब,
काले यह प्यास, काले गिलास !!
काले चस्मे, तू दिखे भीड़मे,
काले यह रात, काले यह बात,
काले यह मन, तन की यह बन,
काले ढन्दा, बिंदास ये बंदा !!
काले चादर, सफेदी नज़र,
काले पैसे, दे सबको नशे,
काले नियम, काला यह सच,
काले रिवाज, काले आवाज़ !!
रचना : प्रशांत
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