काफिला निकल पड़ा
है,
तेरी जय जयकार
हर दिशा,
इतिहास जो बदल
ना पाया,
बदल दे तेरे
इश्क़ का नशाI
नीरव. माल्या, फ़ोर्ब्स लिस्ट
बदल दिए ,
2G ना दिखे ना
दिखे की NPA है
4G,
धोके से
बॅंक पहचान छुपाए,
एक्सचेंज बाज़ार यह सब
जायज़ है,
कीमत बताए तो
कीमत लग जाए I
रचना : प्रशांत
No comments:
Post a Comment