Thursday 9 April 2015

मंज़ील हर काफ़िर की खोज है...



 चित्र साभार: http://pixabay.com/en/street-road-straight-horizon-381227/

मंज़ील हर काफ़िर की खोज है,
जहाँ ज़िंदगी थम जाने की डर हो,
मुझे उस मंज़िल के आगे जाना है,
मुझे बेमंज़िल होके भी, बामंज़िल हो जाना है I 

रचना:प्रशांत 

3 comments:

  1. बहुत खूब .... मंजिल से आगे जाने की चाह

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    1. उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद I
      प्रशांत

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  2. मेरे ब्लॉग पे आने के लिया बहुत बहुत आभार. मैं आपके ब्लॉग पे ज़रूर आऊंगा I
    प्रशांत

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