Monday 9 November 2015

ज़िंदा हे तू , ये एहसास कर...

ज़िंदा हे तू , ये एहसास कर ,
कल हो ना हो, खुश हो के आज  बिखर,
पल मे जो बदल दे समा ,
वो दिया है तू, जल जल जी ले ,
पल पल जी ले , जल जल जी ले I 

नौकरशाही  पर नवाब से कम नही, 
सलाम नवाज लो, पर सर नही,
जिंदा हू में और मुझसे तू ज़िंदा, 
ठोकर ना मार तू मुझसे है  ज़िंदा I 

ना डर, ना रह कभी करम से जुदा,
तेरे खुदा तेरे साथ, तेरे करम पे फिदा,
कोई इंसान क्यू बोले वो तेरे खुदा, 
करम तू  कर, रेहम खुदा रेहम खुदा I 

रचना: प्रशांत 

No comments:

Post a Comment