फरियाद मेरी आप सुनें, पल बिताने के बहाने,
बातों बातों मे बन जाए बात, कुछ सुनाने के बहाने,
बाकी उम्मीदें आपको दें जमा, कुछ संजोने के बहाने,
हमसफ़र ग़र आपको हूँ मैं मंज़ूर , तो दे दें मुझे खुदको,
ये जीवन सजाने के बहाने I
रचना: प्रशांत
बातों बातों मे बन जाए बात, कुछ सुनाने के बहाने,
बाकी उम्मीदें आपको दें जमा, कुछ संजोने के बहाने,
हमसफ़र ग़र आपको हूँ मैं मंज़ूर , तो दे दें मुझे खुदको,
ये जीवन सजाने के बहाने I
रचना: प्रशांत
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