चित्र साभार : http://www.heartrelationships.com/how-do-i-stop-my-wife-from-being-volatile/
जाने क्यूँ ये इल्ज़ाम अब जी रहे हैं हम,
ख़ामोशी से अपनी बदनामी जी गये हम I
उन्हे लगे बेवफा के सात फिरे लिए हम चले,
तिल तिल वो हर पल जले, और वो निभाते चले,
क्या समझाए जो ये समझे वो धोके मे चले,
इतेफ़ाक़ से तैर हुई थी फ़ासले,, वोह साथ देते चले I
ए खुदा कैसे हम उन्हे समझाए,
रात बित जाए, पर बात ना बन पाए,
सुबेह खंजर सी इल्ज़ाम फिर सुनाए ,
आरपार सिने मे लिए हम निकल आए I
रचना: प्रशांत
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