Thursday, 26 November 2015
Monday, 23 November 2015
हमसफ़र आज कहने दो
हमसफ़र आज कहने दो,
दोषी हैं हम , तारीफ़ कभी ना कर पाए,
आपसे मुहब्बत कभी बता ना पाए,
बाँहों में आपके, सुकून से हम खो जाए,
इशारे आप करें, हक़ ना जताएं,
मुस्कुराके , हर सितम झेल जाएँ,
दोष है मेरा, तारीफ़ ना कर पाए,
आपसे है मुहब्बत, जता भी ना पाए I
जाने तमन्ना हमे ये होश बार बार आए,
कोई रूठिसी मुहब्बत राह नज़र आए,
प्याले मे एक तस्वीर नज़र मिलाने चली आए,
जीतने करू ख़तम,उतने करीब आए I
क्या बताएं आपकी ये कशिश,
नशे और सुर मे उतर आए,
हम महफ़िल साथ ले आएं,
नशेमन दिल का ये गुलाम,
हाज़िर है, आप सलाम ले जाए...
मुस्कुराके , हर सितम झेल जाएँ,
दोष है मेरा, तारीफ़ ना कर पाए,
आपसे है मुहब्बत, जता भी ना पाए I
जाने तमन्ना हमे ये होश बार बार आए,
कोई रूठिसी मुहब्बत राह नज़र आए,
प्याले मे एक तस्वीर नज़र मिलाने चली आए,
जीतने करू ख़तम,उतने करीब आए I
क्या बताएं आपकी ये कशिश,
नशे और सुर मे उतर आए,
हम महफ़िल साथ ले आएं,
नशेमन दिल का ये गुलाम,
हाज़िर है, आप सलाम ले जाए...
रचना : प्रशांत
Friday, 20 November 2015
ଆଃ କି ମଧୁର ତୁମେ
ଆଃ କି ମଧୁର ତୁମେ , ପାଷାଣ ହୃଦୟ
ବଲି ଦେଇ ମୋତେ ପତାକା ବିଜୟ
ଗର୍ବରେ କୁହ ସ୍ବାଧୀନ ତୁମେ
ନୁଆ ପର୍ବ ଆବାହନ
ପୁରୁଣା ପୋଷାକ ଫିନଗିଦେଇ
କର ନୁଆ ବିନୋଦନ I
ଆଃ କି ମଧୁର ତୁମେ
ଅଶ୍ରୁ ବନ୍ୟାରେ ଛାଡିଦେଇ ମୋତେ
ହାସ୍ୟ ବଦନରେ
ଦୃଷ୍ଟି ହିନତାର ଦ୍ବାହି ଦେଇ କୁହ
ନୁଆ ଚଷମା ଦରକାର
ପୁରୁଣା ପିରତି ପୁରୁଣା ହେଲାଣି
ଲୋଡା ଚର୍ବି ଶିକାର I
ଆଃ କି ମଧୁର ତୁମେ
ବୁଝି ପାରିଲନୀ ବୁଝି ପାରିଲନୀ
ବଦଳି ପାରିନି ପାରିନି
ତୁମର ଶିକାର ତୁମର ଶିକାର
ବିନ୍ଧାଣୀ ଶରର ଅଜାଗା କ୍ଷତ
ଦେଖେଇ ହୁଏନି ବହେ ରକ I
Wednesday, 11 November 2015
मीठे बोल दो बोल दे ...
मीठे बोल दो बोल दे
ओ कमाने वाले
इसकी कीमत कुछ भी नही
इससे हासिल क्या कुछ नही I
क्यू हिसाब हर पल तू करे
धन बेशुमार और निर्धनसे डरे
हर पल पैसे गिन गिन जाए
मन से तू ग़रीब , नज़र ना आए I
ये हिसाब तेरे किस काम आए
अलग हिसाब तेरे खाते मे आए
शमशान हो एक वोही जुड़ जाए
संसार त्यागी सब साथ ले जाए
भोगी के प्राण वोही लाश रह जाए I
रचना : प्रशांत
Monday, 9 November 2015
ज़िंदा हे तू , ये एहसास कर...
ज़िंदा हे तू , ये एहसास कर ,
कल हो ना हो, खुश हो के आज बिखर,
पल मे जो बदल दे समा ,
वो दिया है तू, जल जल जी ले ,
पल पल जी ले , जल जल जी ले I
नौकरशाही पर नवाब से कम नही,
सलाम नवाज लो, पर सर नही,
जिंदा हू में और मुझसे तू ज़िंदा,
ठोकर ना मार तू मुझसे है ज़िंदा I
ना डर, ना रह कभी करम से जुदा,
तेरे खुदा तेरे साथ, तेरे करम पे फिदा,
कोई इंसान क्यू बोले वो तेरे खुदा,
करम तू कर, रेहम खुदा रेहम खुदा I
रचना: प्रशांत
Sunday, 8 November 2015
Thursday, 5 November 2015
A video program on financial aspects of life!
This is an odia language program conducted by Dr. Prashant Chandra Panda on financial issues.
आज क्यू फिर यह लगे...
आज क्यू फिर यह लगे,
मैं आज़ाद मिलूं मेरी तन्हाई से,
के फिर आप आए ना आए
मैं आज़ाद मिलूं मेरी तन्हाई से I
क्यूँ मानूं की मेरा इम्तेहान बाकी है,
आपकी नज़रों से ,
क्यों ना मैं खामोश चलूँ,
और खुदा से भी दूर चलूँ I
मेरा वो आशियाना है वहाँ,
जो तेरे साये से है दूर,
खुदा जहाँ कभी आया करते हैं,
जब वो हो बन्दों से मज़बूर I
जो तेरे साये से है दूर,
खुदा जहाँ कभी आया करते हैं,
जब वो हो बन्दों से मज़बूर I
रचना: प्रशांत
जाने क्यू आज ऐसे लगे...
चित्र साभार : http://img00.deviantart.net/4e8a/i/2010/038/0/8/unveiling_the_shadow_world_by_yamaha_neko.png
जाने क्यू आज ऐसे लगे,
मेरे इंतेज़ार की इंतहाँ है,
जाने कितनी शामें बित गयीं,
फिर मेरे इंतेहा की इंतेज़ार है I
बात इतनी सी थी,
जो वो नासमझ रूठे हम से,
इतनी सज़ा दे वो खुदको,
की हम रूठ चले I
साथ वो अपने निभाते चले,
रिश्तों से आज़ाद रिश्ते निभाते चले,
खुद वो आग मे जलते रहे,
खामोश आग रूह मे लिए,
हम राह मे जले और चले I
रचना: प्रशांत
Tuesday, 3 November 2015
एक परदा खामोशी की ओढ़...
चित्र साभार: http://www.springbokhouston.com/events/2014/12/31/new-years-eve-masquerade
एक परदा खामोशी की ओढ़,
क्यूं चले आते हो बेपर्दा,
सिसकियाँ सुन लेता है जमाना,
आज भी वो दीवानो की दीवाना I
जग ढूंढे तुम्हे यहाँ वहाँ,
जाने कहाँ कहाँ जहाँ तहाँ,
मुझे जीने दे अंजान, घने बादल मे ,
हमआरज़ू के बाहों मे I
रिश्ते ना कर तू ज़िंदा,
तस्वीर की तक़दीर खोज मे I
रचना : प्रशांत
Sunday, 1 November 2015
इतनी मुहब्बत नसीब होगी हमें...
इतनी मुहब्बत नसीब होगी हमें,
यह ना था पता,
ख़ुशी के सागारमे गम डूब जाएगा,
यह ना था पता,
शुक्रिया आपको जो मुझे समझे,
आम इंसान को काबिल तो समझे I
खुदा से हम और क्या मांगें,
बस इतनी दुआ मांगें,
आप को इतनी बरकत हो,
के धरती आपसे हारा भरा हो,
कुछ इसके काम आप आए,
कुछ आप के काम हम आए I
रचना : प्रशांत
* यह रचना जन्मदिन के अवसर में मिली बधाइयों को समर्पित है I
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