चित्र साभार : http://www.texaswineandtrail.com/women-influence-wine-trends/
ज़ाम मे थी कुछ तो कशिश,
पल हो गायब, होश से सजे बारीश,
नज़र झुकाए हुए,
नम थी पलकें , हंसी सजाए हुए,
शुरू हो बात , जाने- ज़ाम लगाए हुए,
रियासत नयी बनाए हुए I
दिल की बाते , लापता धड़कन तेज हुए,
मौसीक़ी की लहरें, झलकाए महफ़िल,
खुद को आज़ाद पाते हुए I
दीवाना फिर सबको कर दे,
जाने-जामपे जान और थी बाकी,
साक़ी हो शौक इसी शौक़ीन के लिए,
ऐसे ना सोच, चोट खाए हुए ,
समय की बात ,समय के बाद ,
आज हम खुलके जीए I
रचना :प्रशांत
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